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जनजातीय परंपराओं, प्राचीन मंदिरों, कोयला खदानों और हरे-भरे प्राकृतिक दृश्यों के लिए प्रसिद्ध है।
शहडोल: संस्कृति, कोयला और प्रकृति का संगम
शहडोल मध्य प्रदेश के उत्तर-पूर्वी भाग में स्थित है और यह एक प्रमुख प्रशासनिक एवं सांस्कृतिक केंद्र है। यह क्षेत्र विभिन्न आदिवासी समुदायों की जीवंत परंपराओं और त्योहारों के लिए प्रसिद्ध है। आसपास के जंगलों और पहाड़ियों से घिरा यह क्षेत्र खनिज संसाधनों, विशेष रूप से कोयले में भी समृद्ध है। हालाँकि यह एक औद्योगिक क्षेत्र के रूप में विकसित हो रहा है, फिर भी इसकी सांस्कृतिक विरासत, प्राचीन मंदिर और स्थानीय हाट इसकी पहचान बनाए हुए हैं। शहडोल अपनी सांस्कृतिक विविधता और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए एक अनोखा स्थान है।
टिप्स विवरण
- भाषा हिंदी, गोंडी, बघेली।
- मुद्रा भारतीय रुपया (INR)।
- स्थानीय आपातकालीन नंबर 100 (पुलिस), 101 (फायर), 102/108 (एम्बुलेंस)।
शहर में करने योग्य चीजें
- वीराटेश्वर मंदिर जाएँ 10वीं सदी में कालचुरी वंश के दौरान बना यह शिव मंदिर अपने सुंदर स्थापत्य और शिल्पकला के लिए प्रसिद्ध है।
- स्थानीय आदिवासी गांवों की यात्रा करें आदिवासी संस्कृति, लोककला और परंपराओं को करीब से देखने के लिए आसपास के गांवों और हाटों की यात्रा करें।
- प्राकृतिक सैर और पहाड़ी दृश्य जंगलों और सतपुड़ा पहाड़ियों के आसपास सैर का आनंद लें और प्रकृति से जुड़ें।
- स्थानीय व्यंजन और हस्तशिल्प स्थानीय हाटों में जनजातीय हस्तशिल्प और लकड़ी की कलाकृतियाँ खरीदें और क्षेत्रीय व्यंजनों का स्वाद लें।
- बाणसागर डैम की यात्रा करें बाणसागर डैम एक लोकप्रिय पिकनिक स्थल है, जहाँ मानसून और सर्दियों में घूमना खास होता है।
शहडोल कैसे पहुँचें ?
- हवाई मार्ग से निकटतम हवाई अड्डा जबलपुर (लगभग 180 किमी) है।
- रेल मार्ग से शहडोल रेलवे स्टेशन प्रमुख शहरों से अच्छी तरह जुड़ा है।
- सड़क मार्ग से जबलपुर, रीवा और उमरिया से नियमित बसें और टैक्सी उपलब्ध हैं।
निष्कर्ष
शहडोल जनजातीय संस्कृति, प्राचीन मंदिरों और प्राकृतिक सुंदरता का शानदार मेल प्रस्तुत करता है। यह भीड़ से दूर एक शांति पसंद करने वालों के लिए आदर्श गंतव्य है।