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प्राचीन जैन मंदिरों, विशेष रूप से श्री शीतलनाथ भगवान जैन श्वेतांबर मंदिर, और चूड़ासमा वंश की पूर्व राजधानी के रूप में प्रसिद्ध है।
वंथली: चूड़ासमा विरासत की गूंज
वंथली, जिसे पहले वामनस्थली के नाम से जाना जाता था, गुजरात के जूनागढ़ जिले में स्थित एक ऐतिहासिक शहर है। यह 9वीं से 15वीं शताब्दी तक चूड़ासमा वंश की राजधानी रहा है। शहर अपने जैन धरोहर के लिए प्रसिद्ध है, विशेष रूप से श्री शीतलनाथ भगवान जैन श्वेतांबर मंदिर, जिसमें प्राचीन मूर्तियाँ और सुंदर नक्काशी देखने को मिलती है। वंथली का ऐतिहासिक महत्व रा चूड़ा, चूड़ासमा वंश के संस्थापक, और रा मेलिगा जैसे प्रमुख व्यक्तित्वों से जुड़ा हुआ है। गिरनार पहाड़ियों और जूनागढ़ शहर के निकटता के कारण यह इतिहास प्रेमियों और आध्यात्मिक यात्रियों के लिए एक महत्वपूर्ण गंतव्य है।
टिप्स विवरण
- भाषा गुजराती, हिंदी, अंग्रेज़ी।
- मुद्रा भारतीय रुपया (INR)।
- स्थानीय आपातकालीन नंबर 100, 101, 102, 108।
शहर में क्या करें ?
- श्री शीतलनाथ भगवान जैन श्वेतांबर मंदिर का दर्शन ऐतिहासिक महत्व और वास्तुकला की सुंदरता के लिए प्रसिद्ध प्राचीन जैन मंदिर का अन्वेषण करें।
- रा खेंगर बावड़ी की खोज कोयलीफाटक गांव के पास स्थित 13वीं शताब्दी की बावड़ी, घाटपल्लव वास्तुकला शैली का उदाहरण है।
- ऐतिहासिक अन्वेषण चूड़ासमा वंश और उनके क्षेत्रीय योगदान के बारे में जानें।
- सांस्कृतिक अनुभव स्थानीय त्योहारों में भाग लें और पारंपरिक गुजराती संस्कृति का अनुभव करें।
- प्राकृतिक सैर पास की गिरनार पहाड़ियों और आसपास के परिदृश्य की सुंदरता का आनंद लें।
वंथली कैसे पहुँचें?
- हवाई मार्ग से निकटतम हवाई अड्डा राजकोट हवाई अड्डा है, जो लगभग 116 किमी दूर है।
- रेल मार्ग से निकटतम प्रमुख रेलवे स्टेशन जूनागढ़ जंक्शन है, जो वंथली से लगभग 15 किमी दूर है।
- सड़क मार्ग से वंथली सड़क मार्ग से जूनागढ़ और गुजरात के अन्य प्रमुख शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।
निष्कर्ष
वंथली ऐतिहासिक महत्व और आध्यात्मिक धरोहर का अनूठा संगम प्रस्तुत करता है। इसके प्राचीन मंदिर, चूड़ासमा वंश से जुड़ी विरासत और प्राकृतिक आकर्षण इसे गुजरात के समृद्ध अतीत की गहराई से समझने के इच्छुक यात्रियों के लिए एक आकर्षक गंतव्य बनाते हैं।