आनंदमयी शक्तिपीठ के बारे में
आनंदमयी शक्तिपीठ पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में स्थित है और यह देवी आनंदमयी को समर्पित है, जो दिव्य स्त्री का एक रूप है। ऐसा माना जाता है कि यह उन पवित्र स्थलों में से एक है जहाँ देवी सती के शरीर के अंग गिरे थे।
क्या अपेक्षा करें?
सिलीगुड़ी में आनंदमयी शक्तिपीठ में, आप प्रार्थना और ध्यान के लिए आदर्श शांतिपूर्ण, आध्यात्मिक वातावरण की उम्मीद कर सकते हैं। देवी आनंदमयी को समर्पित, यह मंदिर खुशी और आध्यात्मिक विकास के लिए आशीर्वाद प्रदान करता है। यह नवरात्रि जैसे त्यौहारों के दौरान सरल, पारंपरिक पूजा पद्धतियों और जीवंत समारोहों का आयोजन करता है, जो इसे शांति और उपचार की तलाश करने वाले भक्तों के लिए एक शांत गंतव्य बनाता है।
टिप्स विवरण
आनंदमयी शक्तिपीठ के बारे में अधिक जानकारी
आनंदमयी शक्तिपीठ को वह पवित्र स्थल माना जाता है जहाँ देवी सती का दाहिना कंधा गिरा था। पौराणिक कथाओं के अनुसार, जब सती के आत्मदाह के बाद भगवान शिव ने तांडव नृत्य किया, तो उनके शरीर के अंग विभिन्न स्थानों पर बिखर गए और यह स्थल 51 शक्तिपीठों में से एक बन गया। यहाँ, आनंद और आध्यात्मिक कल्याण की प्रतीक देवी आनंदमयी की पूजा की जाती है, जो अपने भक्तों को शांति, खुशी और दिव्य सुरक्षा प्रदान करती हैं।
आनंदमयी शक्तिपीठ तक कैसे पहुंचें?
आनंदमयी शक्तिपीठ सेवाएं
आनंदमयी शक्तिपीठ आरती का समय
पर्यटक स्थल
आनंदमयी शक्तिपीठ के निकट पर्यटन स्थल
आनंदमयी शक्तिपीठ की स्थानीय खाद्य विशेषता
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