माँ कामाख्या मंदिर
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गुवाहाटी, Assam, India
calendar_month खुलने का समय : 06:00 AM - 09:00 PM

कामाख्या देवी मंदिर के बारे में 

कामाख्या मंदिर एक प्रतिष्ठित हिंदू मंदिर है जो देवी पार्वती के एक रूप देवी कामाख्या को समर्पित है। भारत के असम के गुवाहाटी में स्थित, यह शक्तिपीठों में से एक है, जिसे देवी से जुड़ा पवित्र स्थल माना जाता है। यह मंदिर अपने वार्षिक अंबुबाची मेले, एक महत्वपूर्ण धार्मिक त्योहार के लिए प्रसिद्ध है।

 

क्या अपेक्षा करें?

कामाख्या मंदिर का पौराणिक महत्व बहुत अधिक है क्योंकि यह देवी कामाख्या को समर्पित है, जो शक्तिशाली तांत्रिक साधनाओं और पवित्र शक्ति पीठ से जुड़ी है। गर्भगृह सहित इसकी अनूठी वास्तुकला मंदिर की आध्यात्मिक आभा को बढ़ाती है। यह मंदिर अंबुबाची मेले के लिए प्रसिद्ध है, जो अपने धार्मिक अनुष्ठानों के लिए हजारों लोगों को आकर्षित करता है। आगंतुक इसके अनुष्ठानों और पवित्र परंपराओं के माध्यम से शांतिपूर्ण वातावरण और ईश्वर के साथ गहरे संबंध का अनुभव करते हैं।

टिप्स विवरण

  • मौसम सर्वोत्तम समय अक्टूबर-मार्च है।
  • भाषा असमिया, हिन्दी, अंग्रेजी।
  • मुद्रा भारतीय रुपया।
  • आपातकाल 112 डायल करें।
  • ड्रेस कोड सिर और कंधों को ढकें, जूते उतारें, शालीन कपड़े पहनें।
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More Info

 

कामाख्या देवी मंदिर के बारे में अधिक जानकारी

कामाख्या मंदिर भारत के सबसे प्रतिष्ठित शक्तिपीठों में से एक है, जो असम के गुवाहाटी में नीलाचल पहाड़ी पर स्थित है। यह मंदिर देवी कामाख्या को समर्पित है, जो देवी पार्वती का अवतार मानी जाती हैं। इस मंदिर को शक्ति पूजा का एक शक्तिशाली स्थल माना जाता है। मंदिर तांत्रिक साधकों के लिए विशेष महत्व रखता है, क्योंकि यहां देवी के मासिक धर्म का प्रतीकात्मक उत्सव अंबुबाची मेले के रूप में मनाया जाता है, जो स्त्रीत्व और प्रजनन क्षमता का प्रतीक है।

मंदिर के अद्वितीय गर्भगृह में देवी की मूर्ति नहीं है; इसके बजाय यहां योनि-आकृति वाला एक पत्थर स्थित है, जो देवी कामाख्या का प्रतिनिधित्व करता है, और इसके साथ एक प्राकृतिक जलस्रोत भी है। मंदिर की वास्तुकला नीलाचल शैली से प्रेरित है, जिसे इसकी गुंबदाकार संरचना से पहचाना जा सकता है। हर साल देशभर से श्रद्धालु इस मंदिर में आते हैं, खासकर अंबुबाची मेले के दौरान, जो देवी के प्रतीकात्मक मासिक धर्म का उत्सव है। यह उत्सव भारतीय संस्कृति में स्त्रीत्व और प्रजनन क्षमता का एक दुर्लभ उत्सव है।

कामाख्या मंदिर का इतिहास 8वीं-9वीं शताब्दी से जुड़ा हुआ है। हालांकि, वर्तमान संरचना 16वीं शताब्दी में कोच राजा नरनारायण द्वारा पुनर्निर्मित की गई थी, जब मूल मंदिर को नष्ट कर दिया गया था। आज, कामाख्या केवल एक पवित्र तीर्थस्थल ही नहीं, बल्कि तांत्रिक अनुष्ठानों और शिक्षाओं का एक प्रमुख केंद्र भी है, जो आध्यात्मिक साधकों और विद्वानों को आकर्षित करता है।

मंदिर ज्ञात
कामाख्या मंदिर तांत्रिक प्रथाओं के लिए प्रसिद्ध है, और यहां हर साल अंबुबाची मेला मनाया जाता है, जो देवी के मासिक धर्म का प्रतीक है और स्त्रीत्व तथा प्रजनन शक्ति का उत्सव है।

Timings
Open : 06:00 AM Close : 09:00 PM

प्रवेश शुल्क
There is no entry fee required.

Tips and restrictions
शालीन वस्त्र पहनें, कुछ क्षेत्रों में फोटोग्राफी से बचें, मंदिर के प्रति सम्मान बनाए रखें, और यात्रा से पहले मंदिर के समय की जांच करें। कामाख्या मंदिर में सख्त ड्रेस कोड है, जिसमें आगंतुकों को सिर और कंधे ढकने की आवश्यकता होती है।

सुविधाएँ
कामाख्या मंदिर मुफ्त प्रवेश, दैनिक प्रार्थना, धार्मिक अनुष्ठान, और आध्यात्मिक जुड़ाव के लिए शांतिपूर्ण वातावरण जैसी सुविधाएँ प्रदान करता है।

समय की आवश्यकता
There is no time limit for darshan.

कामाख्या देवी मंदिर कैसे पहुँचें?

  • हवाई मार्ग से निकटतम हवाई अड्डा लोकप्रिया गोपीनाथ बोरदोलोई (GAU) है, जो मंदिर से 20 किमी दूर है।
  • रेल मार्ग से निकटतम स्टेशन गुवाहाटी रेलवे स्टेशन (GHY) है, जो मंदिर से 8 किमी दूर है।
  • बस से गुवाहाटी बस स्टैंड प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है, तथा मंदिर तक टैक्सी भी उपलब्ध है।
  • सड़क मार्ग से राष्ट्रीय राजमार्ग 37 के माध्यम से पहुँचा जा सकता है। नेविगेशन के लिए जीपीएस का उपयोग करें।

कामाख्या देवी मंदिर सेवाएं

  • दैनिक प्रार्थनाएँ पूरे दिन नियमित प्रार्थनाएँ और सेवाएँ।
  • धार्मिक अनुष्ठान पुजारियों और भक्तों द्वारा किए जाने वाले विभिन्न अनुष्ठानों को देखें।
  • वार्षिक उत्सव अंबुबाची मेला, देवी कामाख्या को समर्पित एक प्रमुख त्योहार है।
  • दान आगंतुक धर्मार्थ दान कर सकते हैं।
  • ऑनलाइन बुकिंग उपलब्ध नहीं; प्रवेश निःशुल्क है।

कामाख्या देवी मंदिर आरती समय

  • उषा की आरती - सुबह लगभग 5:30 बजे।
  • सायं की आरती - शाम लगभग 5:30 बजे।

पर्यटक स्थल

  • नीलाचल पहाड़ी
  • उमानंद मंदिर
  • असम राज्य संग्रहालय
  • दिघलीपुखुरी

मंदिर के पास अन्य धार्मिक स्थल

  • नवग्रह मंदिर
  • माँ तारा मंदिर
  • माँ डौल गोबिंदा मंदिर
  • माँ कालिका मंदिर

कामाख्या देवी मंदिर की स्थानीय खाद्य विशेषता

  • खार
  • पिथा
  • मसूर दाल
  • मोमोज
  • भेल पुरी
  • झाल मुरी
  • गुलाब जामुन
  • पान
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