यदि आप राहु-केतु के अशुभ प्रभावों से मुक्ति, भय, मानसिक तनाव और आर्थिक कठिनाइयों से छुटकारा पाना चाहते हैं, तो लहसुनिया (कैट्स आई) रत्न धारण करने से आपको केतु ग्रह की दिव्य कृपा प्राप्त होती है।
🔮 कौन पहन सकता है लहसुनिया (कैट्स आई)?
♈ मेष | ♌ सिंह | ♐ धनु | ♏ वृश्चिक | ♒ कुंभ राशि के जातकों के लिए विशेष लाभकारी।
⚠ किसे नहीं पहनना चाहिए?
जिनकी कुंडली में केतु पहले से ही शुभ स्थिति में हो, उन्हें ज्योतिषीय सलाह के बिना लहसुनिया नहीं पहनना चाहिए।
📿 लहसुनिया (कैट्स आई) कैसे धारण करें?
📅 इसे बुधवार के दिन, अश्विनी, मघा, मूल नक्षत्र या रविपुष्य योग में पहनना शुभ होता है।
💍 इसे पंचधातु की अंगूठी में जड़वाकर दाहिने हाथ की कनिष्ठिका (छोटी उंगली) में धारण करें।
🛁 शुद्धिकरण विधि:
अंगूठी को गंगाजल और कच्चे दूध में कुछ देर डुबोकर शुद्ध करें।
इसे सफेद कपड़े पर रखें और केतु मंत्र का जाप करें।
📿 मंत्र (108 बार):
“ॐ स्त्रां स्त्रीं स्त्रों सः केतवे नमः”
💎 लहसुनिया (कैट्स आई) पहनने के चमत्कारी लाभ:
✅ राहु, केतु और शनि के दुष्प्रभावों को कम करता है।
✅ नकारात्मक ऊर्जा, बुरी नजर, काले जादू और अलौकिक बाधाओं से रक्षा करता है।
✅ भय, भ्रम, तनाव और अनिद्रा को दूर करने में मदद करता है।
✅ रात में डरावने सपनों और दुःस्वप्नों को रोकता है।
✅ बुद्धि, साहस और निर्णय लेने की क्षमता को बढ़ाता है।
✅ धन, संपत्ति और संतान के आशीर्वाद को आकर्षित करता है।
✅ आध्यात्मिक जागरूकता को बढ़ाता है और साधकों तथा ध्यानकर्ताओं के लिए अत्यंत लाभकारी है।
✅ पूर्ण विश्वास और भरोसे के लिए प्रत्येक रत्न के साथ सर्टिफिकेट उपलब्ध है।
🌟 लहसुनिया (कैट्स आई) धारण करें और जीवन में सुरक्षा, समृद्धि और सकारात्मक बदलाव का स्वागत करें! 🌟
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