गढ़कालिका माता मंदिर
उज्जैन, Madhya Pradesh, India
Booking Date

खुलने का समय : 06:00 AM - 09:00 PM

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गढ़कालिका माता मंदिर, उज्जैन के बारे में 

गढकालिका माता मंदिर, उज्जैन, मध्यप्रदेश में स्थित एक प्रसिद्ध शक्ति पीठ है, जो देवी कालिका को समर्पित है। ऐसा माना जाता है कि यहीं पर देवी सती के होंठ गिरे थे, जिसके कारण यह स्थान अत्यंत शक्तिशाली और पवित्र माना जाता है। यह मंदिर श्रद्धालुओं के लिए शक्ति, ज्ञान और नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा का प्रतीक है।

 

क्या अपेक्षा करें ?

गढकालिका माता मंदिर, उज्जैन में श्रद्धालु एक अद्भुत आध्यात्मिक अनुभव की अपेक्षा कर सकते हैं, जहाँ दिव्य ऊर्जा और भक्ति का संगम होता है। मंदिर का शांत और शक्तिशाली वातावरण मन में गहरी श्रद्धा और आत्मिक शांति का संचार करता है। देवी के मंत्रों की गूंज, दैनिक आरती, और माँ कालिका की सजी हुई प्रतिमा का दर्शन भक्तों को अद्भुत शक्ति और पवित्रता का अनुभव कराता है। श्रद्धालु यहाँ सफलता, साहस और नकारात्मक शक्तियों से रक्षा के लिए माता के आशीर्वाद की प्राप्ति हेतु आते हैं। नवरात्रि के समय मंदिर में भव्य पूजा-अर्चना और उत्सवों का विशेष आयोजन होता है।

टिप्स विवरण

  • मौसम सुहावनी सर्दी
  • भाषा हिंदी, अंग्रेजी
  • मुद्रा भारतीय रुपया
  • आपात नंबर 100, 108, 101
  • सर्वोत्तम समय अक्टूबर से मार्च
  • मंदिर ड्रेस कोड पारंपरिक वस्त्र।
आस-पास के मंदिर

 

More Info

 

गढ़कालिका माता मंदिर, उज्जैन के बारे में अधिक जानकारी

कालिदास का परिवर्तन

सबसे मनमोहक कथाओं में से एक प्रसिद्ध कवि कालिदास की है। किंवदंती के अनुसार, कालिदास ने अपना जीवन एक अशिक्षित चरवाहे के रूप में प्रारंभ किया था। महाकाली मंदिर में देवी काली की गहन भक्ति और प्रार्थना के माध्यम से उन्होंने ज्ञान और साहित्यिक प्रतिभा की कामना की। देवी ने उन पर अपनी कृपा बरसाई और उन्हें भारतीय इतिहास के सबसे महान कवियों और विद्वानों में परिवर्तित कर दिया। उनके ग्रंथ जैसे ‘मेघदूत’, ‘अभिज्ञानशाकुंतलम’, ‘रघुवंशम्’ और ‘शकुंतला’ संस्कृत साहित्य की उत्कृष्ट कृतियाँ मानी जाती हैं। नीचे कालिदास द्वारा रचित श्यामला डंडकम की कुछ पंक्तियाँ दी गई हैं:

माणिक्यवीणामुपलालयन्तीम्, मृदुलसां मञ्जुलवाग्विलासाम्।
महेन्द्रनीलद्युतिकौमलाङ्गीम्, मातङ्गकन्यां मनसा स्मरामि॥

अर्थ - मैं मातंग ऋषि की कन्या का ध्यान करता हूँ, जो माणिक्य से बनी वीणा बजा रही हैं, जो आनंदमयी हैं और जिनकी वाणी सुंदरता और मधुरता से भरी हुई है। उनका शरीर नीलमणि के गहरे नीले रंग की तरह कोमल और तेजस्वी है।

राजा विक्रमादित्य की भक्ति

एक और अद्भुत कथा में राजा विक्रमादित्य का उल्लेख है, जो अपनी बुद्धिमत्ता और पराक्रम के लिए प्रसिद्ध एक महान सम्राट थे। किंवदंती के अनुसार, विक्रमादित्य देवी काली के अत्यंत भक्त थे। वे किसी भी महत्वपूर्ण कार्य को आरंभ करने से पहले महाकाली मंदिर जाकर देवी का आशीर्वाद प्राप्त करते थे। देवी के प्रति उनकी गहरी श्रद्धा इतनी प्रबल थी कि वे अपनी सफलता और समृद्धि का संपूर्ण श्रेय देवी की कृपा को देते थे।

शक्ति पीठ की कथा

महाकाली मंदिर उन शक्ति पीठों में से एक है, जिन्हें देवी सती के शरीर के वे स्थान माना जाता है जहाँ उनके अंग गिरे थे। कथा के अनुसार, जब भगवान शिव अपनी पत्नी सती का शरीर लेकर घूम रहे थे, तब देवी का ऊपरी होंठ इसी स्थान पर गिरा था। भक्त इस घटना की स्मृति में मंदिर में दर्शन करने और देवी से आशीर्वाद प्राप्त करने आते हैं।

इन कथाओं ने न केवल महाकाली मंदिर के इतिहास को समृद्ध बनाया है, बल्कि भक्ति, परिवर्तन और दिव्य कृपा की प्रेरणादायक भावनाओं से भक्तों और यात्रियों को भी प्रोत्साहित किया है।

मंदिर ज्ञात
माँ कालिका को समर्पित यह मंदिर विद्या और शक्ति की अधिष्ठात्री देवी माँ कालिका के रूप में प्रसिद्ध है।

Timings
Open : 06:00 AM Close : 09:00 PM

प्रवेश शुल्क
Free of Cost.

Tips and restrictions
मंदिर की मर्यादा का पालन करें और अंदर चमड़े की वस्तुएँ या फोटोग्राफी से बचें।

सुविधाएँ
यहाँ पार्किंग, पीने के पानी और विश्राम की मूलभूत सुविधाएँ उपलब्ध हैं।

समय की आवश्यकता
No Specific Timings.

गढ़कालिका माता मंदिर, उज्जैन कैसे पहुँचे ?

  • वायु मार्ग से निकटतम हवाई अड्डा देवी अहिल्याबाई होलकर हवाई अड्डा इंदौर में स्थित है, जो उज्जैन से लगभग 55 किमी दूर है। इंदौर से दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु जैसे प्रमुख शहरों के लिए नियमित उड़ानें उपलब्ध हैं। हवाई अड्डे से टैक्सी या बस द्वारा उज्जैन और फिर गढकालिका माता मंदिर पहुँचा जा सकता है।
  • रेल मार्ग से उज्जैन जंक्शन रेलवे स्टेशन देश के प्रमुख शहरों जैसे दिल्ली, मुंबई, भोपाल और जयपुर से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। स्टेशन से मंदिर की दूरी लगभग 4 किमी है, जहाँ तक आसानी से ऑटो या टैक्सी द्वारा पहुँचा जा सकता है।
  • सड़क मार्ग से उज्जैन सड़क मार्ग से इंदौर, भोपाल और अन्य निकटवर्ती शहरों से जुड़ा हुआ है। राज्य परिवहन और निजी बसें नियमित रूप से इन शहरों से उज्जैन के लिए चलती हैं। स्थानीय टैक्सी और ऑटो रिक्शा से गढकालिका माता मंदिर आसानी से पहुँचा जा सकता है।

गढ़कालिका माता मंदिर, उज्जैन सेवाएँ

  • स्पर्श/विशेष/वीआईपी दर्शन के लिए मंदिर टिकट मूल्य (जो उपलब्ध हो)
  • मंदिर पूजा मूल्य सूची/की गई पूजाएँ
  • ऑनलाइन टिकट बुकिंग की प्रक्रिया (यदि उपलब्ध हो)

उज्जैन के गढ़कालिका मंदिर में सामान्य, विशेष या वीआईपी दर्शन के लिए कोई टिकट नहीं है। सभी भक्तों के लिए मंदिर में प्रवेश निःशुल्क है।

गढ़कालिका माता मंदिर, उज्जैन आरती का समय

  • मंगल आरती सुबह 5:30 बजे
  • श्रृंगार आरती सुबह 7:00 बजे
  • राजभोग आरती दोपहर 12:00 बजे
  • संध्या आरती शाम 6:30 बजे
  • शयन आरती रात 9:00 बजे

पर्यटन स्थल

गढकालिका माता मंदिर, उज्जैन के पास पर्यटन स्थल

मंदिर के पास के प्रमुख पर्यटन स्थल

  • महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग
  • काल भैरव मंदिर
  • हरसिद्धि माता मंदिर
  • राम घाट
  • क्षिप्रा नदी के घाट

नजदीकी शहरों में देखने योग्य स्थान

  • ओंकारेश्वर (50 किमी)
  • चिंतामण गणेश मंदिर, उज्जैन
  • इंदौर शहर के प्रमुख आकर्षण (55 किमी)
  • महेश्वर (100 किमी)

मंदिर के पास अन्य धार्मिक स्थल

  • सांदीपनी आश्रम
  • बड़े गणेश मंदिर
  • गोपाल मंदिर
  • चिंतामण गणेश मंदिर

गढ़कालिका माता मंदिर की स्थानीय भोजन विशेषता

  • पोहा
  • जलेबी
  • भुट्टे का कीस
  • मालपुआ
  • साबूदाना खिचड़ी

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