सिद्धवट घाट
Ganesh Nagar, Madhya Pradesh, India
Booking Date

खुलने का समय : 06:00 AM - 09:00 PM

5.0/5 (1K+ ratings)

सिद्धवट मंदिर के बारे में

उज्जैन में शिप्रा नदी के तट पर स्थित सिद्धवट मंदिर एक प्राचीन और पवित्र स्थान है, जिसे शक्तिभेद तीर्थ कहा जाता है। यह हिंदू धर्म के चार पवित्र वट वृक्षों में से एक है, जहां संतति (संतान प्राप्ति), संपत्ति (धन-संपदा), और सद्गति (मोक्ष) की सिद्धि प्राप्त होती है। यहां पिंडदान, नागबली, और कालसर्प दोष शांति जैसे अनुष्ठान विशेष रूप से किए जाते हैं, जिससे यह स्थान मोक्ष और कर्मकांड का प्रमुख तीर्थ स्थल माना जाता है।

क्या अपेक्षा करें ?

सिद्धवट मंदिर में आगंतुक एक शांत और आध्यात्मिक वातावरण का अनुभव कर सकते हैं, जो पवित्र वट वृक्ष और शिप्रा नदी के तट पर स्थित है। भक्त यहां पिंडदान, नागबली, कालसर्प दोष शांति और अन्य धार्मिक अनुष्ठान करने आते हैं। वातावरण ध्यान, प्रार्थना और आशीर्वाद प्राप्ति के लिए उपयुक्त है। मंदिर परिसर से सूर्य उदय और सूर्यास्त के समय मनोरम दृश्य भी दिखाई देते हैं, जो आध्यात्मिक अनुभव को और बढ़ाते हैं।

टिप्स विवरण

  • मौसम सुखद से गर्म।
  • भाषा हिंदी, अंग्रेज़ी।
  • मुद्रा INR।
  • स्थानीय आपातकालीन नंबर 100 (पुलिस), 108 (एम्बुलेंस)।
  • भ्रमण का सर्वोत्तम समय अक्टूबर से मार्च।
  • मंदिर पहनावा विनम्र पारंपरिक वस्त्र, शॉर्ट्स या बिना आस्तीन के कपड़े वर्जित।
आस-पास के मंदिर

 

More Info

 

सिद्धवट मंदिर के बारे में अधिक जानकारी

उज्जैन के भैरवगढ़ के पूर्व में शिप्रा के तट पर प्रचीन सिद्धवट का स्थान है। इसे शक्तिभेद तीर्थ के नाम से जाना जाता है। हिंदू पुराणों में इस स्थान की महिमा का वर्णन किया गया है। हिंदू मान्यता अनुसार चार वट वृक्षों का महत्व अधिक है। अक्षयवट, वंशीवट, बौधवट और सिद्धवट के बारे में कहा जाता है कि इनकी प्राचीनता के बारे में कोई नहीं जानता। इस वटवृक्ष को मुगल काल में काटकर लोहे का तवा जडवा दिया गया था, परंतु कोई भी इसको पुनः फुटने से रोक नहीं पाया एवं यह फिर से हरा-भरा हो गया था। यह एक घाट पर स्थित है जहां पर पित्रुओं के लिए श्राद्धकर्म किये जाते है। इस स्थान पर शिवलिंग भी स्थित है, जिसे पातालेश्वर के नाम से पुकारा जाता है। यहां पर एक शिला है जिसको प्रेत-शीला के नाम से जाना जाता है।

स्कंद पुराण अनुसार पार्वती माता द्वारा लगाए गए इस वट की शिव के रूप में पूजा होती है। पार्वती के पुत्र कार्तिक स्वामी को यहीं पर सेनापति नियुक्त किया गया था। यहीं उन्होंने तारकासुर का वध किया था। संसार में केवल चार ही पवित्र वट वृक्ष हैं। प्रयाग (इलाहाबाद) में अक्षयवट, मथुरा-वृंदावन में वंशीवट, गया में गयावट जिसे बौधवट भी कहा जाता है और यहाँ उज्जैन में पवित्र सिद्धवट हैं।

यहाँ तीन तरह की सिद्धि होती है संतति, संपत्ति और सद्‍गति। तीनों की प्राप्ति के लिए यहाँ पूजन किया जाता है। सद्‍गति अर्थात पितरों के लिए अनुष्ठान किया जाता है। संपत्ति अर्थात लक्ष्मी कार्य के लिए वृक्ष पर रक्षा सूत्र बाँधा जाता है और संतति अर्थात पुत्र की प्राप्ति के लिए उल्टा सातिया (स्वस्विक) बनाया जाता है। यह वृक्ष तीनों प्रकार की सिद्धि देता है इसीलिए इसे सिद्धवट कहा जाता है।

यहाँ पर नागबलि, नारायण बलि-विधान का विशेष महत्व है। संपत्ति, संतित और सद्‍गति की सिद्धि के कार्य होते हैं। यहाँ पर कालसर्प शांति का विशेष महत्व है, इसीलिए कालसर्प दोष की भी पूजा होती है। वर्तमान में इस सिद्धवट को कर्मकांड, मोक्षकर्म, पिंडदान, कालसर्प दोष पूजा एवं अंत्येष्टि के लिए प्रमुख स्थान माना जाता है।

मंदिर ज्ञात
अपने पवित्र वट वृक्ष और पिंडदान, श्रापित शांति, कालसर्प दोष पूजा के लिए प्रसिद्ध।

Timings
Open : 06:00 AM Close : 09:00 PM

प्रवेश शुल्क
Free of Cost.

Tips and restrictions
मंदिर के नियमों का पालन करें और शांति बनाए रखें।

सुविधाएँ
श्रद्धालुओं के लिए बुनियादी सुविधाएँ और स्वच्छ परिवेश।

समय की आवश्यकता
No Specific Timings.

सिद्धवट मंदिर, उज्जैन कैसे पहुँचें?

  • हवाई मार्ग से निकटतम हवाई अड्डा देवी अहिल्या बाई होलकर एयरपोर्ट, इंदौर है, जो उज्जैन से लगभग 55 किमी दूर है। एयरपोर्ट से टैक्सी और बस उपलब्ध हैं।
  •  रेल मार्ग से उज्जैन जंक्शन सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन है, जो दिल्ली, मुंबई, भोपाल और इंदौर जैसी प्रमुख नगरियों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। स्टेशन से ऑटो-रिक्शा, टैक्सी और लोकल बसें उपलब्ध हैं।
  • सड़क मार्ग से राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों के माध्यम से उज्जैन अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। प्राइवेट टैक्सी, बस और रेंटल कार द्वारा सिद्धवट मंदिर तक पहुँचा जा सकता है।

सिद्धवट मंदिर, उज्जैन सेवाएँ

स्पर्श/विशेष/VIP दर्शन टिकट मूल्य सभी श्रद्धालुओं के लिए प्रवेश नि:शुल्क है; आमतौर पर कोई विशेष या VIP टिकट उपलब्ध नहीं हैं।

मंदिर पूजा मूल्य सूची / की जाने वाली पूजा पिंडदान, श्राद्ध कर्म, कालसर्प शांति और अन्य पारंपरिक अनुष्ठान किए जा सकते हैं; मामूली शुल्क मंदिर पर सीधे भुगतान करना होता है।

ऑनलाइन टिकट बुकिंग प्रक्रिया (यदि उपलब्ध हो) कोई आधिकारिक ऑनलाइन बुकिंग प्रणाली नहीं है; श्रद्धालु सीधे मंदिर जाकर दर्शन कर सकते हैं या विशेष अनुष्ठानों के लिए स्थानीय पुजारी सेवा से संपर्क कर सकते हैं।

सिद्धवट मंदिर, उज्जैन आरती समय

सिद्धवट मंदिर में आरती का कोई विशिष्ट समय नहीं बताया गया है।

पर्यटक स्थल

  • महाकालेश्वर मंदिर
  • कालभैरव मंदिर
  • रामघाट
  • हरसिद्धि माता मंदिर
  • सांदीपनि आश्रम

आस-पास/अन्य शहरों में देखने योग्य स्थान

  • ओंकारेश्वर
  • मांडू
  • इंदौर
  • देवास

सिद्धवट मंदिर के निकट अन्य धार्मिक स्थल

  • चिंतामन गणेश मंदिर
  • मंगलनाथ मंदिर
  • गोपाल मंदिर
  • नवग्रह शनि मंदिर
  • गढ़कालिका मंदिर

सिद्धवट मंदिर, उज्जैन की स्थानीय भोजन विशेषता

  • पोहा
  • जलेबी
  • मालपुआ
  • साबूदाना खिचड़ी
  • कचौड़ी
  • भुट्टे का कीस

Reviews & Ratings

Read what our beloved devotees have to say about Mahakal.com.
Select an Option
Top
Hindi