नगरकोट की रानी मंदिर
उज्जैन, Madhya Pradesh, India
Booking Date

खुलने का समय : 05:00 AM - 10:00 PM

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नगरकोट की रानी मंदिर के बारे में 

नगरकोट की रानी मंदिर उज्जैन की प्राचीन देवी मंदिर है, जो नगर की रक्षक देवी को समर्पित है। यह मंदिर राजा विक्रमादित्य और नाथ संप्रदाय से जुड़ा है, यहाँ परमार कालीन जलकुंड स्थित है और नवरात्रि के समय विशेष रूप से श्रद्धालुओं की भीड़ रहती है।

क्या अपेक्षा करें ?

आगंतुक यहाँ शांतिपूर्ण आध्यात्मिक वातावरण, प्राचीन मंदिर वास्तुकला, दैनिक आरती दर्शन और नवरात्रि के दौरान नगाड़ों-घंटियों की गूंज से भरे भव्य उत्सव का अनुभव कर सकते हैं।

टिप्स विवरण

  • मौसम अक्टूबर से मार्च तक सुहावना।
  • भाषा हिंदी और सामान्य अंग्रेजी।
  • मुद्रा भारतीय रुपया (INR)।
  • आपात नंबर पुलिस 100, फायर 101, एम्बुलेंस 108।
  • सर्वश्रेष्ठ समय नवरात्रि और शीत ऋतु के महीने।
  • वस्त्र नियम सादे व पारंपरिक वस्त्र पहनें।
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More Info

 

नगरकोट की रानी मंदिर के बारे में अधिक जानकारी

उज्जैन को सभी तीर्थों में प्रमुख और स्वर्ग से भी बढ़कर माना जाता है, क्योंकि यहां 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक महाकाल ज्योतिर्लिंग, 108 शक्तिपीठों में से दो गढ़ कालिका और माता हरसिद्धि का मंदिर हैं। यहां पर श्मशान, ऊषर, क्षेत्र, पीठ एवं वन- ये 5 विशेष संयोग एक ही स्थल पर उपलब्ध हैं। यह संयोग उज्जैन की महिमा को और भी अधिक गरिमामय बनाता है। इस नगर की रक्षा करने वाली माता को नगरकोट की रानी कहते हैं।

नगर का अर्थ शहर और कोट का अर्थ होता है नगर की परिधि में बनी दीवार। इसीलिए यहां की माता को नगरकोट की रक्षक रानी माता कहा जाता है। 

नगरकोट की रानी प्राचीन उज्जयिनी के दक्षिण-पश्चिम कोने की सुरक्षा देवी है। राजा विक्रमादित्य और राजा भर्तृहरि की अनेक कथाएं इस स्‍थान से जुड़ी हुई हैं। यह स्थान नाथ संप्रदाय की परंपरा से जुड़ा है। यह स्थान नगर के प्राचीन कच्चे परकोटे पर स्थित है इसलिए इसे नगरकोट की रानी कहा कहा जाता है।

हालांकि यह यह मंदिर उज्जैन शहर की उत्तर पूर्व दिशा में स्थित है। इस मंदिर में एक जलकुंड है जो कि परमारकालीन माना जाता है। मंदिर में एक अन्य गुप्त कालीन मंदिर भी है जो कि शिवपुत्र कार्तिकेय का है। 

ऐसी मान्यता है कि उज्जैन में नवरात्रि में अन्य माता मंदिर के दर्शन नगरकोट की रानी माता के बगैर अधूरे माने जाते हैं। वैसे तो इस मंदिर में हर दिन या विशेष अवसरों पर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है लेकिन नवरात्रि में यहां सुबह से लेकर रात तक श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। सुबह और शाम के समय भव्य आरती होती है तो नगाड़ों, घंटियों की गूंज से वातावरण आच्छादित हो उठता है।

उज्जैन अवंतिखंड की नवमातृकाओं में सातवीं कोटरी देवी के नाम से प्रसिद्ध है नगरकोट की रानी माता। स्कंद पुराण के अवंतिका क्षेत्र महात्म्य में वर्णित चैबीस देवियों में से नगरकोट माता मंदिर भी है। गोरधन सागर के पास स्थित मंदिर में माता की मूर्ति भव्य और मनोहारी है।

उज्जैन नगर का अति प्रा‍चीन मंदिर है चौबीस खंबा माता का मंदिर। यहां पर महालय और महामाया दोनों माता की दो देवियों की प्रतिमा द्वारा पर विराजमान हैं। सम्राट विक्रमादित्य नगरकोट की रानी के साथ ही इन देवियों की आराधना किया करते थे। यहां नगर रक्षा के लिए चौबीस खबे लगे हुए हैं इसीलिए इसे चौबीस खंबा कहते हैं। यह महाकाल के पास स्थित है। शहर में लगभग 40 देवियों और भौरवों को भोग लगाया जाता है। यहां के कलेक्टर अष्टमी पर सभी को शराब चढ़ाते हैं। 

सहस्र पद विस्तीर्ण महाकाल वनं शुभम।

द्वार माहघर्रत्नार्द्य खचितं सौभ्यदिग्भवम्।।

इस श्लोक से विदित होता है कि एक हजार पैर विस्तार वाला महाकाल-वन है जिसका द्वार बेशकीमती रत्नों से जड़ित रत्नों से जड़ित उत्तर दिशा को है। इसके अनुसार उत्तर दिशा की ओर यही प्रवेश-द्वार है।

मंदिर ज्ञात
नगरकोट की रानी मंदिर अपनी प्राचीन रक्षक देवी, परमार कालीन जलकुंड और नवरात्रि में भक्तों से भरे भव्य उत्सव के लिए प्रसिद्ध है।

Timings
Open : 05:00 AM Close : 10:00 PM

प्रवेश शुल्क
Free of Cost.

Tips and restrictions
पहचान पत्र साथ रखें, शांति बनाए रखें, सादे वस्त्र पहनें, बड़े बैग न लाएँ और फोटो खींचना प्रतिबंधित हो सकता है।

सुविधाएँ
पार्किंग, स्वच्छ पेयजल, शौचालय, प्रसाद दुकानें और बैठने की जगह उपलब्ध हैं।

समय की आवश्यकता
No Specific Timings.

नगरकोट की रानी मंदिर, उज्जैन कैसे पहुँचे ?

  • वायु मार्ग से निकटतम हवाई अड्डा देवी अहिल्या बाई होल्कर एयरपोर्ट, इंदौर है, जो उज्जैन से लगभग 55 किलोमीटर दूर है। एयरपोर्ट से टैक्सी और बसें मंदिर तक आसानी से मिल जाती हैं।
  • रेल मार्ग से निकटतम रेलवे स्टेशन उज्जैन जंक्शन है, जो मंदिर से लगभग 3 किलोमीटर दूर है और दिल्ली, मुंबई, भोपाल व इंदौर जैसे प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है। स्टेशन से ऑटो-रिक्शा और टैक्सी उपलब्ध हैं।
  • सड़क मार्ग से उज्जैन सड़क मार्ग से इंदौर, भोपाल और रतलाम से राष्ट्रीय एवं राज्य राजमार्गों द्वारा अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। नियमित बसें, टैक्सी और निजी वाहन सीधे नगरकोट की रानी मंदिर तक पहुँचते हैं।

नगरकोट की रानी मंदिर सेवाएँ 

मंदिर सेवाएँ – नियमित दर्शन, दैनिक आरती और नवरात्रि में विशेष पूजन होते हैं।

  • मंदिर टिकट मूल्य प्रवेश और दर्शन निःशुल्क हैं; कोई वीआईपी या विशेष टिकट प्रणाली नहीं है।
  • मंदिर पूजा शुल्क सूची कोई आधिकारिक सूची प्रकाशित नहीं; विवरण मंदिर काउंटर पर उपलब्ध है।
  • ऑनलाइन बुकिंग कोई आधिकारिक ऑनलाइन बुकिंग या टिकट सुविधा उपलब्ध नहीं है।

नगरकोट की रानी मंदिर आरती का समय

आरती का कोई विशेष समय नही

पर्यटक स्थल

नगरकोट की रानी मंदिर के पास देखने लायक स्थान

  • महाकालेश्वर मंदिर
  • हरसिद्धि माता मंदिर
  • रामघाट
  • कालभैरव मंदिर
  • बड़े गणेशजी का मंदिर
  • सांदीपनि आश्रम
  • विक्रम कीर्ति मंदिर

नगरकोट की रानी मंदिर के पास अन्य धार्मिक स्थान

  • चिंतामन गणेश मंदिर
  • मंगलनाथ मंदिर
  • गढ़कालिका मंदिर
  • नवग्रह मंदिर
  • सिद्धवट

नगरकोट की रानी मंदिर की स्थानीय भोजन विशेषता

  • मालपुआ
  • पोहा
  • जलेबी
  • समोसा
  • सेव
  • उज्जयिनी थाली

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