हरसिद्धि माता मंदिर
उज्जैन, Madhya Pradesh, India
Booking Date

खुलने का समय : 05:00 AM - 10:00 PM

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हरसिद्धि माता मंदिर के बारे में

उज्जैन का हरसिद्धि माता मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक है, जो देवी पार्वती के शक्तिशाली स्वरूप माता हरसिद्धि को समर्पित है। यहाँ स्थित विशाल दीपस्तंभ नवरात्रि के दौरान दिव्य प्रकाश से आलोकित होते हैं। यह मंदिर धार्मिक और ऐतिहासिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है और देशभर से आने वाले श्रद्धालुओं का प्रमुख आकर्षण है।

क्या अपेक्षा करें ?

हरसिद्धि माता मंदिर में आप एक गहन आध्यात्मिक वातावरण और भक्ति से भरे परंपरागत अनुभव की अपेक्षा कर सकते हैं। यह मंदिर अपने भव्य दीपस्तंभों के लिए प्रसिद्ध है, जो नवरात्रि के दौरान अद्भुत रूप से प्रज्वलित होते हैं। भक्त माता को तेल के दीपक, नारियल, लाल चुनरी और सिंदूर अर्पित करते हैं। यहाँ पर नवरात्रि का उत्सव अत्यंत भव्य होता है, जब हजारों दीपक जलाकर दिव्य दृश्य प्रस्तुत किया जाता है। पर्वों के दौरान भीड़ अधिक होती है, लेकिन दर्शन का अनुभव अविस्मरणीय रहता है।

टिप्स विवरण

  • मौसम सुहावना शीतकाल।
  • भाषा हिंदी, संस्कृत।
  • मुद्रा भारतीय रुपया।
  • स्थानीय आपातकालीन नंबर 100, 108।
  • यात्रा का सर्वोत्तम समय अक्टूबर - मार्च।
  • मंदिर का ड्रेस कोड सामान्यत पारंपरिक और सम्मानजनक पोशाक।
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More Info

 

हरसिद्धि माता मंदिर के बारे में अधिक जानकारी?

मध्य प्रदेश के उज्जैन में माता हरसिद्धि मंदिर एक पूजनीय शक्तिपीठ है और हिंदू परंपरा में इसका महत्वपूर्ण पौराणिक महत्व है।

पौराणिक महत्व

यह मंदिर उन 51 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है, जहाँ भगवान शिव द्वारा देवी सती के अवशेषों को ब्रह्मांड में ले जाने के बाद उनके शरीर के अंग गिरे थे। विशेष रूप से, ऐसा कहा जाता है कि सती की दाहिनी कोहनी इसी स्थान पर गिरी थी, जिसके कारण हरसिद्धि मंदिर की स्थापना हुई।

स्कंद पुराण के अनुसार, देवी पार्वती के एक अन्य रूप, देवी चंडी को भगवान शिव ने "हरसिद्धि" की उपाधि प्रदान की थी, जब उन्होंने चंड और प्रचंड नामक राक्षसों का वध किया था। उनकी वीरता से प्रसन्न होकर, शिव ने उन्हें "हरसिद्धि" नाम दिया, जिसका अर्थ है "सबको जीतने वाली"।

ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संदर्भ

यह मंदिर राजा विक्रमादित्य से भी जुड़ा है, जो हरसिद्धि माता के प्रति अपनी भक्ति के लिए जाने जाते थे। ऐसा माना जाता है कि उन्होंने इस मंदिर का निर्माण करवाया था और नियमित रूप से देवी की पूजा करके उनका आशीर्वाद प्राप्त किया था। मंदिर की वास्तुकला में मराठा प्रभाव झलकता है, जिसमें दो विशाल दीप स्तंभ हैं जो अनेक दीपों से सुसज्जित हैं, जो मराठा कला की एक विशेषता है।

अनन्य विशेषताएं

  • दीपक स्तंभ (दीप ज्योति स्तंभ) मंदिर परिसर में 51 फुट ऊंचे दो दीप स्तंभ हैं, जिनमें से प्रत्येक में लगभग 1,111 दीप हैं, ऐसा माना जाता है कि इन्हें सम्राट विक्रमादित्य ने स्थापित किया था।
  • मूर्तियाँ और देवता यहाँ की मुख्य देवी देवी हरसिद्धि हैं, जिन्हें सिंदूरी रंग में दर्शाया गया है। यहाँ पूजी जाने वाली अन्य देवियों में देवी अन्नपूर्णा, देवी महालक्ष्मी और देवी महासरस्वती शामिल हैं।
  • तांत्रिक महत्व यह मंदिर तांत्रिक साधनाओं के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है, जो आध्यात्मिक सशक्तिकरण और आशीर्वाद प्राप्त करने के इच्छुक भक्तों को आकर्षित करता है।

त्यौहार और पूजा

हरसिद्धि मंदिर नवरात्रि उत्सव के दौरान विशेष रूप से जीवंत रहता है, जहाँ हज़ारों श्रद्धालु प्रार्थना, अनुष्ठान और उत्सवों में शामिल होते हैं। इस दौरान मंदिर का वातावरण भक्तिमय उत्साह और आध्यात्मिक ऊर्जा से ओतप्रोत होता है।

उज्जैन आने वाले पर्यटक अक्सर हरसिद्धि मंदिर को अपनी तीर्थयात्रा में शामिल करते हैं, क्योंकि इसकी समृद्ध पौराणिक कथाओं, ऐतिहासिक महत्व और आध्यात्मिक वातावरण ने उन्हें आकर्षित किया है।

मंदिर ज्ञात
हरसिद्धि माता मंदिर अद्वितीय है क्योंकि यहाँ राजा विक्रमादित्य द्वारा स्थापित दुर्लभ श्री यंत्र और प्रत्येक शाम जलते असंख्य दीपक एक अनुपम दिव्य वातावरण बनाते हैं।

Timings
Open : 05:00 AM Close : 10:00 PM

प्रवेश शुल्क
Free of Cost.

Tips and restrictions
शांति बनाए रखें, चमड़े की वस्तुएं न लाएँ, मंदिर के नियमों का पालन करें, सादगीपूर्ण वस्त्र पहनें, गर्भगृह में फोटोग्राफी निषेध है।

सुविधाएँ
पार्किंग, प्रसाद काउंटर, पेयजल, जूता स्टैंड, स्वच्छ शौचालय, बैठने की व्यवस्था, गाइड सुविधा, सुरक्षा, नजदीकी दुकानें।

समय की आवश्यकता
No Specific Timings any time.

हरसिद्धि माता मंदिर, उज्जैन कैसे पहुँचें?

  • हवाई मार्ग निकटतम हवाई अड्डा देवी अहिल्याबाई होलकर एयरपोर्ट, इंदौर है, जो उज्जैन से लगभग 55 किमी दूर है, यहाँ से टैक्सी और बस के माध्यम से मंदिर पहुँच सकते हैं।
  • रेल मार्ग – उज्जैन जंक्शन प्रमुख शहरों से अच्छी तरह जुड़ा है, यहाँ से ऑटो-रिक्शा या टैक्सी द्वारा सीधे माता हरसिद्धि मंदिर पहुँचा जा सकता है।
  • सड़क मार्ग – उज्जैन राज्य और राष्ट्रीय राजमार्गों से जुड़ा है; नियमित बसें, टैक्सी और निजी वाहन मंदिर तक आसानी से पहुँच सकते हैं।

हरसिद्धि माता मंदिर, उज्जैन सेवाएं 

  • दैनिक आरती और पूजा अनुष्ठान।
  • नवरात्रि के दौरान विशेष उत्सव और भव्य दीप-स्तंभ प्रज्ज्वलन।
  • भक्त माता को तेल, सिंदूर, चुनरी और नारियल अर्पित कर सकते हैं।
  • विशेष पूजाओं जैसे दुर्गा सप्तशती पाठ और शक्ति पूजा के लिए पुजारियों की उपलब्धता।
  • प्रसाद वितरण और भक्ति अर्पण की व्यवस्था।

हरसिद्धि माता मंदिर, उज्जैन की आरती का समय

  • सुबह की आरती - सुबह 7:00 बजे से 8:00 बजे तक
  • शाम की आरती - शाम 6:00 बजे से 7:00 बजे तक

पर्यटन स्थल

उज्जैन के पर्यटक स्थल

  • विक्रमादित्य प्रतिमा
  • सिंहासन बत्तीसी
  • रामघाट
  • सांदीपनि आश्रम
  • वेध शाला (जंतर मंतर)

घूमने के लिए आसपास के शहर

  • इंदौर
  • देवास
  • मांडू
  • ओंकारेश्वर
  • रतलाम

हरसिद्धि माता मंदिर के पास अन्य धार्मिक स्थान

  • महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर
  • चिंतामन गणेश मंदिर
  • कालभैरव मंदिर
  • इस्कॉन उज्जैन
  • गोपाल मंदिर
  • चिंतामन गणेश मंदिर
  • गढ़कालिका मंदिर
  • मंगलनाथ मंदिर

स्थानीय भोजन विशेषता हरसिद्धि माता मंदिर, उज्जैन

  • पोहा
  • जलेबी
  • समोसा
  • कचौरी
  • मालपुआ
  • साबूदाना खिचड़ी
  • दाल बाफला
  • भुट्टे का कीस
  • रबड़ी
  • इमरती

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